शिक्षक के विचार
शिक्षा मानवीय समाज के विकास का आधार होती है। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा को समर्पित किया। उनके अनुसार, शिक्षा स्वतंत्र विचार, क्रिया और अनुशासन का जीवनी अभ्यास होनी चाहिए। उन्होंने कहा था, "ज्ञान की खोज में सीमाएं नहीं होतीं, सीमाओं का अभाव होता है।" उन्होंने शिक्षा को आध्यात्मिक शोध का माध्यम बताया और छात्रों को ज्ञान के साथ संगठित व्यक्तित्व का विकास करने की प्रेरणा दी। उनके विचारों के प्रकाश में, शिक्षा न केवल पाठ्यक्रमों और पुस्तकों से होती है, बल्कि वह संस्कारों का एक सबक भी है जो छात्रों को समझदार, सामर्थ्यशाली और नैतिकतापूर्ण नागरिकों में बदलने में मदद करता है।
शिक्षकों का कहना है -
फिजिक्समैन प्रो.एच .सी. वर्मा का रोचक और ज्ञानवर्धक साक्षात्कार: शिक्षा, शिक्षक, शिक्षणकला,भाषा, वैज्ञानिक सोच और आध्यात्म...
शिक्षकों के शिक्षक का विचार
पाश्चात्य शिक्षकों के विचार
शिक्षाशास्त्री फ्रोबेल के अनुसार, शिक्षा का मकसद छात्रों के ब्रह्माण्डिक विकास को सुनिश्चित करना है। वे छात्रों को प्रकृति के साथ संरचित रूप से जोड़ने की बात करते थे और उनके अन्दर के साहस, समर्पण और सहानुभूति को प्रोत्साहित करते थे। उनकी प्राथमिकता छात्र के रूप में संपूर्णता को स्वीकार करने और उनके अंदर के रचनात्मकता को विकसित करने पर थी। फ्रोबेल की शिक्षा सिद्धांतों का महत्व आज भी सबसे प्रमुख है और उनकी योग्यता छात्रों के व्यक्तित्व के संवर्धन में साबित होती है।
शिक्षाशास्त्रियों की पुस्तकें
शिक्षाशास्त्रियों की पुस्तकें विभिन्न विषयों पर विस्तृत,विचार , ज्ञान और सूक्ष्म विश्लेषण प्रदान करती हैं। यह पुस्तकें शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों को समझने और उनमें नवीनतम विचारों को जानने का अद्वितीय साधन हैं। शिक्षाशास्त्रियों की पुस्तकें शिक्षा के क्षेत्र में नये अध्ययनों और अनुसंधानों को प्रोत्साहित करती हैं और शिक्षा के मानदंड और तकनीकी उन्नयन पर भी प्रकाश डालती हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से, छात्रों को शिक्षाशास्त्र के विभिन्न आयामों को समझने और अपने ज्ञान को विकसित करने का अवसर मिलता हैं।
आप शिक्षक क्यों बनाना चाहते हैं ?
मुझे शिक्षक बनाना एक महान अवसर है क्योंकि मुझे अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों के साथ साझा करना पसंद है। मेरे लिए यह बच्चों के जीवन में एक प्रभावशाली भूमिका होने का माध्यम है और मैं उन्हें संवेदनशीलता, समझदारी, और स्वतंत्रता कैसे विकसित कर सकता हूं, यह सामर्थ्य प्राप्त कराना चाहता हूं। शिक्षा मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है और शिक्षक कार्य मुझे एक सत्यापित कार्य के रूप में महसूस कराता है। मैं बच्चों को सम्मान, स्नेह, और संवेदनशीलता सिखाना चाहता हूं जो उन्हें अपनी प्रगति में मदद करेगा और उन्हें सशक्त नागरिक बनाएगा। मुझे गर्व होगा जब मैं अपने छात्रों को सफलता की ऊचाईयों तक पहुंचाऊंगा।